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Thursday 15 March 2012

RCM आरसीएम के आम डिस्ट्रीब्यूटर की पीड़ा


दोस्त, यदि सीधे तौर पर सभी एक करोड़ पचास लाख लोगों को और इनडॅयेरेक्ट तौर पर करोड़ों लोगों को वास्तव में RCM आरसीएम से फ़ायदा हो रहा था तो जयपुर में इन करोड़ों लोगो की तुलना में मुट्ठी भर (सेकड़ों) लोग ही क्यों जुटे? जबकि इस सेमीनार में तो अंदर आने का प्रवेश शुल्क 30/- या 100/- भी नहीं लिए जा रहे थे जबकि सिस्टम का हवाला दे कर ये लीडर लोग व टीसीजी बेचारे आम डिस्ट्रीब्यूटर की इस बहाने अब तक बेहिसाब जेबे काटते आए थे, बात-बात पर आपकी अपनी घर की कंपनी हे, परिवार के सदस्य जेसी हे का हवाला डिस्ट्रीब्यूटर को देने वाली कंपनी सेकड़ों किलोमीटर दूर से हज़ारों रुपये खर्च कर के मीटिंग, ट्रेनिंग आदि कार्यों के लिए आने वाले डिस्ट्रीब्यूटर से अपने परिसर में बनाए बदबूदार अंडर ग्राउंड में ज़मीन पर रात को सोने की एवेज़ में भी अपने कमाउ पूतों से रुपये वसूल करती थी,
पीने का पानी और नित्य्कर्म सुविधा के भी इनडाईरेकट्ली पैसे खाने-पीने की चीजों में वाजिब दर से अधिक ले कर वसूल किये जाते थे, अंत घर की कंपनी हे की बात का नारा सिर्फ़ दिखावे का था, अपने इस तरह के तुच्छ लाभ को भी पाने की चाह में कंपनी आये दिन किसी न किसी बहाने कुछ न कुछ आयोजित करती रहती थी जिनमें लाखों लोग शिरकत करते थे इस बात का पूरा भीलवाड़ा गवाह हे, अब जब सरकार को दिखाने के लिये भीड़ जुटानी थी तो इनका 'आरसीएम प्राण-गीत कार्ड' तक के पैसे लेने का सिस्टम-उसूल फुर्र हो गया, एक पैसे का भी अख़बार में विझापन नहीं देने की कसम लेने वाले लाखों रुपयों का अख़बार, मिडीया आदि में अब विझापन दे रहें हें, पे न्यूज देने वाले टी वी चेनलों, पत्रकारों को आमंत्रित कर रहे हे! क्यों? वजह बिल्कुल साफ हे कि फ़ायदा इन चंद मुट्ठी भर लोगों जो कि लीडर थे और टीसीजी एण्ड फेमेली को ही हो रहा था और आमजन कंपनी के द्वारा नित नये थोपें गये बिजनस प्लान, शर्तो, स्कीमों, लॉटरी, चिटफंड व अंदर ही अंदर होने वाले षड्यंत्र एंव घोटालो के कारण लुट रहा था. 



सरकार को इन RCM आरसीएम लीडरों के खिलाफ भी कार्यवाही करनी चाहिए क्योकि इन्ही की वजह से आमजन गुमराह हुआ और ये लोग भी कंपनी के द्वारा हर स्तर पर की जा रही ठगी के कार्य में बराबर के हिस्सेदार थे, सरदार तो हरेक डिसट्रिब्युटर के पास आए नहीं, जब ठगों के सरदार पकड़ लिए गये तो गिरोह के सदस्य खुल्ले क्यों घूम रहें हें? सरकार को भगवान सद्बुधि दे इसके लिये यग्य हवन कर रहें हें इन लोभियों को यह मालूम नहीं कि हवन की वजह से यदि सरकार को इस ठगी प्रकरण में सही सद्बुधि आ गयी तो वे भी हवालात में होंगे क्योंकि यू-ट्यूब पर इन ठगों, झूठों के कारनामे पूरी चश्मदीद गवाही के साथ मोजूद हे क़ि केसे-केसे विचित्र हथकंडो से इन्होनें आम जन को भर्माया, चाहे वो भाड़े के टेंट हाउस के नकली सिंहासन पर बैठा राजा बना बाबू हो या जिसका नाम ही भागचंद हो यानी कि ठगी करो और भागो, कहते हें कि पूत के पाँव पालने में ही दिख जाते हें यह नाम जिसने भी रखा वह बड़ा ही सटीक भविष्यवक्ता था उसे नमन हे.

सरकार, पुलिस, न्यालय को शीघ्र इनकी हकीकत सबूतों के साथ सार्वजनिक करनी चाहिए ताकि सभी को इनकी हकीकत मालूम चले और ये लोग मगरमछी, घड़ियाली आंसू बहा कर आम जनता की सहानुभूति नहीं बटोरते फिरे, और उन सभी लीडरों को भी गिरफ्तार करना चाहिए जो गाँव-गाँव में जा कर इस योजना बद्ध ठगी को कंपनी के लिये अंजाम देते थे जिसमें उनको भी हिस्सा मिलता था, और अब सरकार, देश की न्याय व्यवस्था के विरोध में प्रदर्शन-धरना आदि करा रहें हे.

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