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Monday 16 July 2012

क्या मिलिए ऐसे लोगो से, जिनकी फिथ्रथ छुपी रहे, नकली चेहरा सामने आये, असली सूरत छुपी रहे..

कहते हे आदमी का विपत्ति में पड़ने पर उसका चेहरा ही उसका असली दर्पण होता हे.

जेल में बंद क्रांतिकारियों का चेहरा इतना निस्तेज और ओजहिन् नहीं होता, इस फोटो में दिखाया गया चेहरा सिर्फ और सिर्फ ठगों, चोरो का ही हो सकता हे.

T C जेल में भी बेठा-बेठा घाटे को और बड़ी ठग स्कीम से कवर करने की सोच रहा हे, राम का नाम लेने की जगह, अंत इससे बड़ा बनिया कौन होगा?

टी सी खुद कह रहा हे कि अब प्रोडक्ट आधारित बिजनस होगा, तो फिर पहले स्कीम, चिटफंड आधारित ही था.
और वे खुद मान रहे हे कि प्रोडक्ट की क्वालिटी अब बेहतर होगी, यानि की पहले घटिया ही थी.


क्या मिलिए ऐसे लोगो से,
जिनकी फिथ्रथ छुपी रहे,
नकली चेहरा सामने आये,
असली सूरत छुपी रहे..

खुद से भी जो खुद को छुपाये,
क्या उनसे पहेचान करे,
क्या उनके दामन से लिपटे?,
क्या उनका सम्मान करे?,
जिनकी आधी नियत उभरे,
आधी नियत छुपी रहे,
नकली चेहरा सामने आये,
असली सूरत छुपी रहे...

दिलदारी का दोग रचकर,
जाल बिछाये बातो का,
जीतेजी का रिश्ता केहेकर,
सुख दुन्दे कुछ रातो का,
रूह की हसरथ लाभ पर आये,
जिस्म की हसरथ छुपी रहे,
नकली चेहरा सामने आये,
असली सूरत छुपी रहे...

जिनके ज़ुल्म से दुखी है जनता,
हर बस्ती हर गाँव मे,
दया धरम की बात करे वोह,
बीत के साझी सभावो मे,
दान का चर्चा घर घर पहुचे,
लुट की दौलत छुपी रहे,
नकली चेहरा सामने आये,
असली सूरत छुपी रहे...

देखे इन नकली चेहेरो की,
कब तक जय जय कार चले,
उजाले कपड़ो की तह मे,
कब तक काला संसार चले,
कब तक लोगो की नज़रो से,
छुपी हक़ीकत छुपी रहे,
नकली चेहरा सामने आये,
असली सूरत छुपी रहे...

क्या मिलिए ऐसे लोगो से,
जिनकी फिथ्रथ छुपी रहे,
नकली चेहरा सामने आये,
असली सूरत छुपी रहे..

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