इस वास्तविक निर्माण लागत को निकालने के लिए RCM कंपनी के ही किसी भी RSP (आर सी एम् शोपिंग पॉइंट) का आर सी एम् डिपो से खरीदा गया सामान का इन्वोइस, बिल देख ले जिससे स्पष्ट हो जाएगा की RCM के सभी सामानों की कीमत उनकी MRP से 60% से 70% तक कम हे, इसे यू भी समझ सकते हें कि 100/- रूपए की MRP का सामान खुद कंपनी ने अपनी शोपिंग पॉइंट को 40 से 30 रुपये में बेचा था, इसमें से कंपनी का मार्जिन निकाल दिया जाए तो लागत आती हे 25 रुपये.
अब जब भी कोई सामान कबाड़ी में नीलाम होता हे तो वेसे ही उसकी कीमत एक रुपये की चवन्नी रह जाती हे, और जब सामान ही चवन्नी छाप हो तो उसकी क्या कीमत रह जायेगी? तो अब 100 रूपए MRP के RCM सामान की नीलामी की कीमत निकलती हे 5 या 6 रुपये.
अब आप कबाड़ी लोग तो वेसे भी बहुत समझदार होते हें तो क्या इस 5 रुपये के सामान के रिजर्व प्राइज के 40 रुपये दे देंगे? नहीं ना, आपकी समझदारी इसी में हे की आप नीलामी में भाग ही नहीं लें, उधर वो जेल में सड़ रहा हे इधर उसका सड़ने दे.
उसने तो 25 रुपये की कीमत के सामान को 100 रुपये में लोगो को बेवकूफ बना कर बड़ी ही आसानी से बेचा था और वह जब भी बाहर आयेगा इसी सड़े सामान को और भी ज्यादा रेट बढ़ा कर कोई नयी स्कीम के साथ बेवकूफों को बेच देगा, पहले भी यह एसा कई बार कर चुका हे, चाहे रिजोइनिंग स्कीम का किट हो या लोयलटी बोनस स्कीम, घटिया, सड़ा सामान बेचना तो इसके बाएं हाथ का खेल हे। इस मामले में तो यह बहुत ही अनुभवी और महारथी हे, तभी तो देश-विदेश की नामी-गिरामी कम्पनियों ने भी अपना आउट-ऑफ़-डेटेड, ओल्ड टेक्नोलोजी और प्रायोगिक, तोल के भाव के प्रोडक्ट इसके माध्यम से बड़ी ही आसानी से ऊँची रेटों में बेच दिए.
इसने अपने सदस्यों पर एसा कालाजादू कर रखा हे की वे इससे अपने आप को ठगे जाने पर भी गोर्वान्तित समझते हें, ताली बजाते हे, मिठाई बाँटते हे, इसकी जय बोलते हें ।
No comments:
Post a Comment