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Wednesday 11 April 2012

RCM "ठग ब्रदर्स एण्ड सन्स कम्पनी" के द्वारा MLM इतिहास के पहले नए आविष्कार से ठगी.

"ठग ब्रदर्स एण्ड सन्स कम्पनी" के करता-धरता  जब "लोयलटी बोनस" के लूटमार प्लान से ज्यादा से ज्यादा लोगो को ठग चुके थे, अपना पूरा आउट ऑफ़ डेटेड ओवर स्टॉक सेल कर चुके थे, उसके बाद भी रही सही कसर इन्होने उत्पाद उपलब्ध नहीं होने पर एडवांस बुकिंग का नया ठगी का फंडा निकाल कर पूरी की.
इतना सब कुछ करने के बाद भी इस "ठग ब्रदर्स एण्ड सन्स कम्पनी" के करता-धर्ताओ की लालच की लालसा पूरी नहीं हुई, लोभ की भूख नहीं मिट पायी, इस भूख को मिटाने के लिए इन्होने डायरेक्ट सेलिंग के सारे सिद्धांत, नियम, कायदे-कानून भुला कर एक एसा सिस्टम इजाद, आविष्कार किया कि
बिना किसी भी तरह का सामान फिजिकली ख़रीदे
या सामान की एडवांस बुकिंग कराये जिसकी कि भविष्य में सदस्य को डिलीवरी लेनी पड़ती हे, भी सदस्य "लोयलटी बोनस" के प्लान में चाहे जितनी भी (अधिकतम की कोई सीमा नहीं) आई डी देश के किसी भी हिस्से में बेठा ले सकता था.

जी हाँ दोस्तों, आज न्यायपालिका (हाईकोर्ट) एवं कार्यपालिका (विधायक, विधानसभा, सांसद, संसद) और इस देश की जनता जनार्दन व् मीडिया के सामने अपने आप को बेकसूर बताते हुए घड़ियाली आंसुओ की रो-रो कर नदियाँ बहाने वाले RCM के करता-धरता और लीडर यह कहते नहीं थकते कि वो तो सामान की उपभोक्ताओं को उनके स्वयं* के व् परिवार* के उपभोग के लिए डायरेक्ट सेलिंग कर रहे थे यानि कि एक हाथ से पैसा ले कर दुसरे हाथ से तुरंत सामान दे रहे थे या दिये जाने वाले सामान की एडवांस बुकिंग कर रहे थे तो इसमें चिट-फंड, मनी रोटेशन केसे हे? 
*  पुरुषो की मर्दानगी ताकत बढाने और स्त्रियों की कामेक्छा बढाने की गोलियों के तीन माह में  200 पेकेट खरीदने पर विशेष पुरस्कार देने की घोषणा दुनिया के सबसे बड़े लोभी मर्द और उसकी लोभेक्छा के काम में चूर कंपनी ने की थी, साथियों एक पेकेट एक व्यक्ति या स्त्री के लिए हर माह होता हे तो 200 पेकेट जिसका की विक्रय मूल्य करीब 60000.00 रुपये होता हे क्या कोई सदस्य अपने स्वयं और परिवार के लिए लेगा? कदापि नहीं, तो फिर क्या इतना सामान उसके द्वारा बिना किसी तरह का मेडिकल  लाइसेंस, TIN नंबर लिए बेचना कानून सम्मत हे? नहीं, नहीं, नहीं लेकिन इस तरह का गोरखधंधा इस कंपनी में शरु से ही चल रहा था, करोडो क्या अरबों रुपयों का सरकारी टेक्स की चपत इस तरह से इस कंपनी ने सरकार को अपने स्वार्थ के लिए लगाईं और अपने इन सारे गेर कानूनी कारनामों को ये बेशर्म अभी भी सही ठहराने पर तुले हे, भोली आम जनता को गुमराह कर रहे हे, सरकार के विरोध में भड़का रहे हे.

खेर साथियों हम वापस इस पोस्ट की मूल बात पर आते हे. हर चालाक से चालाक ठग और चतुर से चतुर चोर भी कुछ न कुछ उतावलेपन में या ठगी के प्लान की बिसात बिछाते समय कहीं न कहीं कोई गलती कर बैठता हे जो उसे सीखचों के पीछे ले जाने के लिए काफी होती हे, ऐसी ही एक बहुत बड़ी गलती "ठग ब्रदर्स एण्ड सन्स कम्पनी" के करता-धर्ताओ ने कर दी थी. हालांकि इनका पूरा का पूरा "लोयलटी बोनस" प्लान सदस्यों से डायरेक्ट या इनडायरेक्ट इन्वेस्टमेंट करा के चिट-फंड, मनी रोटेशन ही था (इस ब्लॉग की यह पोस्ट देखे: RCM आरसीएम बिजनस 100 % इन्वेस्टमेंट चिटफंड, मनी सर्कुलेशन पिरामिड स्कीम व लोटरी सिस्टम पर आधारित था) फिर भी इसमे सामान तो दिया जा रहा था भले ही उसकी बाजार में कीमत रुपये में पच्चीस पैसे ही हो, लेकिन आप उस परदे के पीछे अन्दर ही अन्दर खेले जा रहे प्लान को क्या कहेंगे जिसमे कि सदस्य से सीधे पैसा ले कर, जमा कर के कंपनी स्तर पर बिना किसी तरह की कीमत का फिजिकली सामान उस पैसा देने वाले, जमा कराने वाले सदस्य को दिये या देने का वादा किये उसके RCM में बने "लोयलटी बोनस" प्लान एकाउंट में आई डीयें डाल दी गयी?

कंपनी के प्रमुख सीनियर लीडर बी सी जी, कदम सिंह राठी आदि के द्वारा कंपनी की पुरे देश में जगह-जगह होने वाली मीटिंगों में इस "लोयलटी बोनस" में लगी हुई हर आई डी पर कुल 57000/- रुपये वापस आयेंगे ही आयेंगे इस बात की गारंटी दी जा रही थी, यही नहीं कोई इनकी इस ठगी को ताड़ कर बच न जाए अंत बाद में इस बात की भी गारंटी दी जा रही थी कि यदि किसी आईडी पर या ज्यादा आइडियों के गुणांक में हर आईडी की हर माह 1000/- रुपये की खरीदारी बराबर की जा रही हे या छुट गए माह को वापस कंपनी के नियमो के अनुसार ज्यादा खरीददारी करके सही कर दिया गया हे तो ऐसी हर आईडी पर एक वर्ष पश्चात कंपनी कम से कम रुपये 4000/- का उसे भुगतान करेगी ही करगी यदि उस आईडी पर 5000/- रुपये का लोटरी ड्रा नहीं निकला हो, व् यदि 5000/- कम की राशि का उसे स्लेब, ड्रा, कमीशन के हिसाब से भुगतान हो गया तो चुकाई गई राशी 4000/- में से घटा कर शेष राशि का उसे ऐसी आईडी पर भुगतान गारंटेड किया ही जाएगा, यानि कि ऐसी हर आईडी पर एक वर्ष में रुपये 4000/- 100% गारंटेड प्राप्त होंगे इस बात का जोर-शोर से हर तरह से प्रचार किया गया.

RCM "लोयलटी बोनस" में इस उपरोक्त 4000/- का लालच देने के बाद भी कोई अपना दिमाग लगा कर 'किन्तु-परन्तु' के रास्ते से इनके जाल में फंसने से बच न जाए इसके लिए मछलियों (सदस्यों) को फांसने के लिए कंपनी के वार्षिक विक्रय टर्नओवर की राशि का 7.5% फंड रूपी 'चारा' और लटकाया गया. इसमें यह कहा गया की सदस्य चाहे जितनी भी "लोयलटी बोनस" क्लब आइडिये ले सकता हे और उनके एक वार्षिक लेखाबंदी वर्ष समय पूर्ण होने पर भले ही सदस्य ने हर आईडी पर 1000/- का सामान हर माह नहीं खरीदा हो, सिर्फ कुल 1000/- का ही खरीदा हो तो भी उसको उसकी सभी आइडियों पर जिन पर लोटरी नहीं निकली हो सामान रूप से 7.5% फंड में से भुगतान किया जाएगा.

7.5% फंड की कुल राशि कितनी हो सकती हे? इसके लिए उस समय यह बताया गया की कंपनी का अभी मासिक टर्नओवर करीब 1000 करोड़ रुपये हे जो की दिन-दुनी रात-चोगुनी बढ़ता हुआ 5000 करोड़ रूपए मासिक से भी अधिक हो सकता हे और ऐसे में इस तरह की हर आईडी पर 2000/- से 4000/- या और भी अधिक रुपये प्राप्त हो सकते हे. (जबकि सक्रीय सदस्यों की असली संख्या और कंपनी का असली औसत मासिक टर्नओवर देखने के लिए इस पोस्ट का विजीट करें : RCM कंपनी शुरू से ही अपने सक्रीय सदस्यों की मनघडंत, फर्जी विशाल संख्या बता कर नए लोगो की जोइनिंगे ले कर ठग रही थी ) कंपनी के द्वारा दिए जा रहे ये सभी ऑफर इतने मायावी और लुभावने थे कि बड़े से बड़े दिमाग वाला भी हकीकत नहीं समझ पाया और इनके इंद्रजाल में फंस गया और जम कर अनावश्यक प्रोडक्ट्स की खरीददारी कर के 'लोयाल्टी बोनस प्लान' के पॉइंट्स बनाने में लग गया।

इस कारण कंपनी इस जबरदस्त डिमांड की सप्लाई पूरा नहीं कर सकी और उसके सभी वितरण केंद्र लगभग खाली हो गये, एडवांस बुकिंग भी कुछ चुने हुए उत्पाद की ही थी तो कंपनी के कर्ताधार्ताओ ने अपनी मक्कारी का परिचय देते हुए की कोई उसकी लूट से बच न जाये, कंपनी ने इसका एक विचित्र आविष्कारिक हल निकाला कि सदस्य कंपनी के बेंक खाते में 3000/- रुपये प्रति "लोयलटी बोनस" आई डी के हिसाब से (जिसे बाद में 2500 - 2700 तक कर दिया गया) जमा करा दे और जमा पर्ची को डिस्ट्रीब्यूटर नंबर, नाम के साथ कंपनी को फैक्स कर दे, और उसके अपलाइन बड़े लीडर से फोन पर वेरीफाई करा दे  तो कंपनी उस डिस्ट्रीब्यूटर के खाते में सीधे ही मांगी गयी "लोयलटी बोनस" आई डी जमा कर देगी (5000 बी वी से एक "लोयलटी बोनस" आई डी बनती थी व् उसके लिए करीब 8000/- का सामान खरीदना होता था) , यानि किसी तरह का सामान खरीदने की जरुरत ही नहीं। यह कार्य सीधे-सीधे चिटफंड इन्वेस्टमेंट के तहत आता हे लेकिन कंपनी के कर्ताधर्ताओ को इसकी परवाह ही नहीं थी क्योकि उनको यह विश्वास था की जब लम्बे समय से वे इस तरह के कई गोरखधन्धे खेल चुके हे और अब तक उन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई हे तो यह बड़ा खेल भी बड़ी आसानी से खेल लेंगे।

कर्ताधर्ताओ के इस खेल को भोले-भाले लोगो ने जबरदस्त समर्थन दिया और एक-एक बन्दे ने 100-100 "लोयलटी बोनस" आई डी के लिए 3 -3 लाख रुपये जमा कराये, इस तरह से पुरे देश से करोडो रुपये इक्कठा किये गए बिना कोई फिजिकली सामान बेचे।

आगे जारी ................देखते रहिये..............

http://rcmmanch.blogspot.in/2012/04/rcm-mlm.html#more

4 comments:

  1. mr satya prakash, aap apne name ke anurup aapko kahna chahuga ki shastro me varnan he ki agar sach bolane se kisi ko taklif hoti he to vo sach bhi nahi bolna chahie usase pap ka bhagidar banta he ...aap ke anusar agar company ne thagai ki he to aapko ye bhi pata hoga ki is madhyam se hajaro logo ke ghar me income ja rahi thi jisse uske ghar me 2 waqt ki roti ka injam hota tha ...log pyaso ke liye pani ki piao lagate he ... bhukho ke liye bhojanshalao ka intjam karte he ..taki koi bhukha pyasa na rahe ..aapne jante hua ya anjane me hajaro logo ki pet pe lat marne ka kam kar rahe he .kya ye uchit he ..apne aap pe ghor karna .... bhagwan aapko sadbudhi de...agar meri bate buri lage to apna bhai samaj kar maf kar deve.

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    1. I LIKE IT,ALL IS WELL

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    2. I LIKE IT,ALL IS WELL,GOOD MENTALITY THIS IS FOR GOOD FOOD AND GOOD KNOWLEDGE FOR RIGHT NEWS FOR RCM BUSINESS DISTRIBUTOR OF JAY RCM,GOOD RCM,GREAT RCM.

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  2. कान्हा है RCDWA जो अक मजबूर को इंसाफ नहीं दिला पा रहा है // मई D N PAL की बात कर रहा हूँ ,, जो RCDWA के पास चाकर लगा /लगा के थक चूका है ,आखिर में उसे कानुक की मदद लेने की अवसयक्ता पद रही है ,इसके पीछे उसके ही अपनें ऊपर वाले ,P K सिंह का हाथ है ,,जो अपने ही लोगो की दूसरी LAIN के लोगो को अपनी दूसरी लाइन में जोइनिन करवा लिया और डी.न पाल को बर्बाद कर दिया //P K सिंह जो की कंपनी के खास बताया जाता है इस मिली भगत में कंपनी भी P K सिंह का पूरा साथ दे रही है // दोस्तो ये आपके साथ भी हो सकता है ,, पूरा धयान रखना // और एसे गढ़ारो से सावधान रहना// D K पाल का कानून का सहारा लेना कही कंपनी को महंगा नहीं पर जाये

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