ताकि वे लोग हर समय सरदार की वा-वा करते रहें और चंद रुपयो के लालच में सब कुछ जानते समजते हुए भी सरदार के सेवक बन कर नित नये भोले-भाले लोगो, ग्रामीणों को सरदार की एसी-वेसी नित नयी स्कीमों में फाँसते रहें जिनकी शर्तें एसी कि न तो नौ मॅन तेल हो न राधा नाचें, और उनमें से कुछ बेचारे यदि किसी तरह शर्त पूरी करने की स्थति तक पहुँचने वाले ही हो कि सरदार पुरानी स्कीम को बंद कर के नयी स्कीम लागू कर दे, यदि कोई विरोध में बोलने की हिमाकत करे तो सरदार उसकी आईडी ही टर्मिनेट करदे, आख़िर सरदार की सल्तनत हे तो नियम कायदे सरदार के ही तो होंगे, उन्हे चुनी हुई सरकार, कानून के नियम-अधिनियमओ की क्या परवाह?
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Thursday, 15 March 2012
RCM आरसीएम, एक ठग कंपनी का सारांश
ताकि वे लोग हर समय सरदार की वा-वा करते रहें और चंद रुपयो के लालच में सब कुछ जानते समजते हुए भी सरदार के सेवक बन कर नित नये भोले-भाले लोगो, ग्रामीणों को सरदार की एसी-वेसी नित नयी स्कीमों में फाँसते रहें जिनकी शर्तें एसी कि न तो नौ मॅन तेल हो न राधा नाचें, और उनमें से कुछ बेचारे यदि किसी तरह शर्त पूरी करने की स्थति तक पहुँचने वाले ही हो कि सरदार पुरानी स्कीम को बंद कर के नयी स्कीम लागू कर दे, यदि कोई विरोध में बोलने की हिमाकत करे तो सरदार उसकी आईडी ही टर्मिनेट करदे, आख़िर सरदार की सल्तनत हे तो नियम कायदे सरदार के ही तो होंगे, उन्हे चुनी हुई सरकार, कानून के नियम-अधिनियमओ की क्या परवाह?
vijay rcm
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