भी किसी न किसी तरह से इनकी चपेट में आयेंगे ही आयेंगे. क्योंकि इनका RCM का तरीका ही एसा होता हे, ये हमारे सामाजिक ताने-बाने में ऐसे घुसपेठ करते हें कि कोई भी साला (गाली वाला साला नहीं) अपने बहनोई को, बहनोई अपने साले को, भाई-भाई को, बहन-बहन को, बेटा-बेटी माँ-बाप को, माँ बाप बेटे-बेटी को, बॉस मातहत को, अफसर क्लर्क को, क्लर्क चपरासी को, नेता ठेकेदार को, जज वकील को, वकील मुवक्किल को आदि रिश्तो से जुड़े लोगों से यदि इस तरह कि कंपनी में जुड़ने का आग्रह करेगा तो सामने वाला मना कर ही नहीं सकता इस तरह से न चाहते हुए भी वह इस तरह की अपनों के ही साथ की जाने वाली ठगी, लूट में वह बेचारा शामिल हो जायेगा और जिस तरह "सास भी कभी बहु थी" को भूल कर वह सास बन जायेगा और वही सब कार्य अपनी बहुओं के साथ करेगा जो कभी उसे बुरे लगते थे.
यह एक निष्पक्ष आरसीएम मंच ब्लॉग हे जहाँ RCM से लाभार्थी और पीड़ित दोनो ही पक्ष अपनी बात खुल के बोल सकते हें और एक दूसरे की टिप्पणियों का माकूल जवाब दे सकते हें. इस ब्लॉग की ज़रूरत इसलिये पड़ी क्योकि वर्तमान में नेट पर उपलब्ध अन्य सभी ब्लॉग एक साजिश के तहत RCM के पक्ष की ही बात को अपने ब्लॉग पर रख रहें हें, इनमें से कई अवसरवादियों ने तो हमारी मजबूरी से कमाई करने का ज़रिया लुभावने गूगल एडसेंस, विजापनों आदि को अपने ब्लॉग, साइट पर दे कर बना लिया हे और हमारे हर क्लिक पर वे 25/- से 100/- रूपए कमा रहें हें, अन्तह वे निष्पक्ष नहीं हे, जिससे आख़िर RCM का सच, हक़ीकत क्या हे आम जनता या डिसट्रिब्युटर नहीं जान पा रहा हे, इसी सच को सामने लाने का हमारा यह छोटा सा प्रयास हे, आप RCM से मिले अपने सच्चे अनुभव, जानकारी को पूरे देश को सारगर्भित भाषा में बताएँगे. ध्यान रहे कि इस प्लेटफोर्म पर आपके कमेन्ट बे-बुनियाद न हो और अपने कमेन्ट के लिए आप स्वंय जिम्मेवार होंगे, इस ब्लॉग का आर सी एम् कंपनी, मालिको, लीडरों आदि से कोई संबध नहीं हे. धन्यवाद.
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Thursday, 29 March 2012
RCM द्वारा हमारे परिवार व्यवस्था, सामाजिक ताने-बाने में सेंध कर के ठगी
भी किसी न किसी तरह से इनकी चपेट में आयेंगे ही आयेंगे. क्योंकि इनका RCM का तरीका ही एसा होता हे, ये हमारे सामाजिक ताने-बाने में ऐसे घुसपेठ करते हें कि कोई भी साला (गाली वाला साला नहीं) अपने बहनोई को, बहनोई अपने साले को, भाई-भाई को, बहन-बहन को, बेटा-बेटी माँ-बाप को, माँ बाप बेटे-बेटी को, बॉस मातहत को, अफसर क्लर्क को, क्लर्क चपरासी को, नेता ठेकेदार को, जज वकील को, वकील मुवक्किल को आदि रिश्तो से जुड़े लोगों से यदि इस तरह कि कंपनी में जुड़ने का आग्रह करेगा तो सामने वाला मना कर ही नहीं सकता इस तरह से न चाहते हुए भी वह इस तरह की अपनों के ही साथ की जाने वाली ठगी, लूट में वह बेचारा शामिल हो जायेगा और जिस तरह "सास भी कभी बहु थी" को भूल कर वह सास बन जायेगा और वही सब कार्य अपनी बहुओं के साथ करेगा जो कभी उसे बुरे लगते थे.
i m not a member of RCM but one should support his words with definate proofs. if u have proofs than share those with everyone here.
ReplyDeletebye friend. waiting for ur comments with profs that RCM is a fake and fraud. so that we can save others from becoming a victim of such frauds
thanx bys