कहते हे आदमी का विपत्ति में पड़ने पर उसका चेहरा ही उसका असली दर्पण होता हे.
जेल में बंद क्रांतिकारियों का चेहरा इतना निस्तेज और ओजहिन् नहीं होता, इस फोटो में दिखाया गया चेहरा सिर्फ और सिर्फ ठगों, चोरो का ही हो सकता हे.
T C जेल में भी बेठा-बेठा घाटे को और बड़ी ठग स्कीम से कवर करने की सोच रहा हे, राम का नाम लेने की जगह, अंत इससे बड़ा बनिया कौन होगा?
टी सी खुद कह रहा हे कि अब प्रोडक्ट आधारित बिजनस होगा, तो फिर पहले स्कीम, चिटफंड आधारित ही था.
और वे खुद मान रहे हे कि प्रोडक्ट की क्वालिटी अब बेहतर होगी, यानि की पहले घटिया ही थी.
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